Public Holiday: केरल सरकार ने दिसंबर में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए 9 दिसंबर और 11 दिसंबर को चयनित जिलों में अवकाश घोषित किया है. निर्देश जारी करते हुए सरकार ने बताया है कि 9 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथानमथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम जिलों में छुट्टी रहेगी. 11 दिसंबर को त्रिशूर, पलक्कड, मालप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में अवकाश लागू होगा. ये छुट्टियां विशेष रूप से स्थानीय निकाय (LSG) चुनावों के कारण घोषित की गई हैं ताकि मतदाता आसानी से मतदान कर सकें.
कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधा
सरकार के आदेश के अनुसार, यदि किसी सरकारी कर्मचारी का वोट उस LSG क्षेत्र में है जहाँ चुनाव हो रहा है, लेकिन उसकी ड्यूटी किसी ऐसे जिले में है जहाँ चुनाव अवकाश लागू नहीं है, तो:
- उसे विशेष अवकाश दिया जाएगा.
- यह अवकाश उसकी सुविधानुसार निर्धारित किया जाएगा.
- यह किसी भी प्रकार की Casual Leave, Earned Leave या Commuted Leave में शामिल नहीं होगा.
इसका उद्देश्य है कि सभी कर्मचारी बिना किसी बाधा के मतदान कर सकें.
सवेतन अवकाश
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव के दिन दी जाने वाली छुट्टी सवेतन अवकाश (Paid Holiday) होगी.
इसका अर्थ है:
- किसी भी क्षेत्र — व्यावसायिक, व्यापारिक, औद्योगिक या निजी संस्थान — में कार्यरत कर्मचारी
- जो पंचायत या नगरपालिका चुनाव में वोट डालने के पात्र हैं,
- उन्हें उस दिन पूरा वेतन मिलेगा.
किसी भी कर्मचारी के वेतन में कटौती नहीं होगी, चाहे वह निजी क्षेत्र में हो, आईटी कंपनी में काम करता हो या किसी औद्योगिक इकाई में. सरकार का संदेश साफ है —“मतदान आपका अधिकार है, और इसे निभाने में कोई आर्थिक बाधा नहीं आनी चाहिए.”
सभी निजी संस्थानों को पालन करना होगा आदेश
श्रम विभाग ने सभी निजी प्रतिष्ठानों और कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं.
श्रम आयुक्त की जिम्मेदारी होगी कि:
- सभी निजी कंपनियों, आईटी सेक्टर, औद्योगिक केंद्रों और विभिन्न संस्थानों से समन्वय कर आवश्यक कदम उठाएं.
- यह सुनिश्चित करें कि चुनाव के दिन हर कर्मचारी को Paid Holiday दिया जाए.
यह आदेश दुकानदार और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत लागू होगा, जिससे किसी भी कंपनी को इसे नज़रअंदाज़ करने की अनुमति नहीं होगी.
सरकारी और कैज़ुअल कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
सरकारी आदेश में सबसे अहम बात यह है कि:
- दैनिक वेतनभोगी (Daily Wagers)
- कैज़ुअल वर्कर (Casual Workers)
भी इस सवेतन अवकाश के हकदार होंगे.
यदि किसी कर्मचारी का वोट उस क्षेत्र में है जहाँ चुनाव हो रहा है, लेकिन वह किसी दूसरे क्षेत्र की फैक्ट्री, दुकान या कंपनी में कार्यरत है, तब भी:
- उसे चुनाव वाले दिन Paid Holiday देना अनिवार्य है.
- उसके दैनिक वेतन में कोई कटौती नहीं की जा सकती.
यह फैसला राज्य में काम करने वाले लाखों असंगठित और कम वेतन वाले कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है.
मतदान को बढ़ावा देने के लिए लिया गया कदम
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि:
- अधिक से अधिक लोग मतदान प्रक्रिया में भाग लें
- किसी भी कर्मचारी को काम या वेतन कटौती के कारण मतदान करने से न रोका जाए
- चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और व्यापक बनाया जाए
इसी कारण सभी जिलों में जहां चुनाव हो रहा है, छुट्टी या विशेष अवकाश का प्रावधान अनिवार्य कर दिया गया है.
सरकार का संदेश: लोकतंत्र हर नागरिक की भागीदारी से ही मजबूत होता है
सरकार ने अपील की है कि सभी कर्मचारी अपना वोट अवश्य डालें, क्योंकि:
- लोकतंत्र की मजबूती में हर वोट की भूमिका अहम है
- मतदान केवल अधिकार नहीं — जिम्मेदारी भी है
- चुनावी छुट्टी का उद्देश्य है कि कोई भी नागरिक मतदान से वंचित न रहे
राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि नियोक्ता किसी भी कर्मचारी पर दबाव न डालें और छुट्टी को लेकर कोई विवाद उत्पन्न न हो.
कर्मचारियों के लिए आसान प्रक्रिया
सरकार के अनुसार छुट्टी लेने के लिए कर्मचारियों को:
- बस यह बताना होगा कि उनका वोट उस स्थानीय निकाय क्षेत्र में पड़ता है
- जहां चुनाव हो रहा है
- कोई अतिरिक्त आवेदन या दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी
इससे व्यवस्था सरल और पारदर्शी बनेगी.
कामकाज पर नहीं पड़ेगा बड़ा असर
हालांकि दो अलग-अलग दिनों में कई जिलों में छुट्टियां होंगी, परंतु सरकार का मानना है कि:
- इससे कामकाज का बहुत अधिक नुकसान नहीं होगा
- लेकिन मतदान प्रतिशत बढ़ने में बड़ा योगदान मिलेगा
राज्य भर में लाखों कर्मचारियों के लिए यह निर्देश सुविधाजनक और राहतकारी साबित होगा.






