हरियाणा और यूपी के बीच तेज होगी कनेक्टिविटी, तैयार होगा 700KM लंबा एक्सप्रेसवे New Expressway

New Expressway: योगी सरकार उत्तर प्रदेश में तेज़ी से सड़क और एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार कर रही है. इसी दिशा में अब एक और बड़ी योजना पर काम शुरू हो चुका है. जल्द ही गोरखपुर से शामली होते हुए हरियाणा ...

Rajeev Balhara

New Expressway: योगी सरकार उत्तर प्रदेश में तेज़ी से सड़क और एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार कर रही है. इसी दिशा में अब एक और बड़ी योजना पर काम शुरू हो चुका है. जल्द ही गोरखपुर से शामली होते हुए हरियाणा के पानीपत तक एक नया एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे बनेगा, जिसकी लंबाई लगभग 700 किलोमीटर होगी. इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है.

हरियाणा से उत्तर प्रदेश की सीधी औद्योगिक कनेक्टिविटी

इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य पूर्वी उत्तर प्रदेश को हरियाणा जैसे औद्योगिक रूप से विकसित राज्य से सीधे जोड़ना है. पानीपत में कपड़ा, फर्नीचर, कृषि और कागज़ उद्योगों की लगभग 4000 इकाइयां हैं, जिनमें बड़ी संख्या में यूपी के श्रमिक कार्यरत हैं. नया एक्सप्रेसवे इन दोनों राज्यों के बीच **व्यापार, परिवहन और रोजगार के अवसरों में जबरदस्त बढ़ोतरी लाएगा.

2026 में शुरू होगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण कार्य 2026 में शुरू होने की उम्मीद है. इस एक्सप्रेसवे पर शुरुआत में चार से छह लेन की सड़क बनाई जाएगी, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा.

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कई ज़िलों से गुजरेगा नया एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, अमरोहा, बरेली और मुरादाबाद जैसे प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगा. इस परियोजना का अधिकांश हिस्सा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा, यानी नई भूमि पर नई सड़क का निर्माण किया जाएगा न कि पुराने मार्ग पर.

दुर्घटनाओं में आएगी कमी, सड़क सुरक्षा होगी मजबूत

एनएचएआई के उप महाप्रबंधक अंकित वर्मा के अनुसार, यह एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे होगा, यानी वाहन सिर्फ अधिकृत स्थानों से ही प्रवेश कर सकेंगे. इससे अनधिकृत और अवैध प्रवेश रोका जा सकेगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना में भारी कमी आएगी

उद्योग, व्यापार और पर्यटन को मिलेगा नया रास्ता

यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच आर्थिक संतुलन लाने में मदद करेगा. इससे सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, लखनऊ की चिकनकारी, और बरेली का बांस-लकड़ी उद्योग जैसे ODOP (One District One Product) उत्पादों को नई मंडियों और बाजारों तक पहुंचने का मौका मिलेगा. यह स्थानीय कारीगरों और उत्पादकों के लिए भी नए अवसर खोलेगा.

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पर्यावरण और भूमि अधिग्रहण का रखा जाएगा पूरा ध्यान

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में सड़क के संरेखण (alignment), भूमि अधिग्रहण, और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है. अधिकारियों के अनुसार, परियोजना में पेड़ों की न्यूनतम कटाई, प्रभावित परिवारों की संख्या, और प्रमुख संपर्क मार्गों को जोड़ने जैसे पहलुओं पर गहन विचार किया जा रहा है. राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में पूरी सहायता प्रदान करेगी.

बड़ी योजना, बड़ा फायदा

यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश को हरियाणा से सुगम और तेज़ कनेक्टिविटी देगी, बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी नया आयाम देगी. 2026 में शुरू होने वाला यह एक्सप्रेसवे, आने वाले वर्षों में उत्तर भारत के परिवहन और विकास के नक्शे को पूरी तरह से बदल सकता है.

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