Ladli Bahin Yojana: 9 दिसंबर 2025 का दिन मध्य प्रदेश की लाखों महिलाओं के लिए बेहद खास रहा. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य सरकार की प्रमुख सामाजिक योजना “लाडली बहना योजना” की 31वीं किस्त औपचारिक रूप से जारी कर दी. इस बार लगभग 1.26 करोड़ पात्र महिलाओं के बैंक खातों में ₹1500 की राशि सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से ट्रांसफर की गई है.
आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली योजना
लाडली बहना योजना की शुरुआत का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना है. यह योजना केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को अपने निर्णय स्वयं लेने, घर की जिम्मेदारी निभाने और सामाजिक स्तर पर आत्मनिर्भर बनने का **अवसर मिलता है.
कैसे पहुंची राशि महिलाओं के खातों में
इस बार की किस्त को पूरी तरह DBT सिस्टम से जोड़ा गया, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हुई और लाभ सीधे लाभार्थी के खाते में पहुँचा.
- हर पात्र महिला को ₹1500 की सीधी सहायता राशि मिली है.
- महिलाएं इस धनराशि का उपयोग घरेलू खर्चों, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और छोटी-छोटी आवश्यकताओं को पूरा करने में कर रही हैं.
- मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी महिलाओं को बधाई दी और योजना के महत्व पर प्रकाश डाला.
महिलाओं में उत्साह और राहत का माहौल
प्रदेशभर की महिलाओं ने इस किस्त को लेकर उत्साह और संतोष जाहिर किया है. कई लाभार्थियों ने बताया कि यह राशि उनके लिए आर्थिक संबल जैसी है, खासकर त्योहारी सीजन और महंगाई के बीच. ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं कहती हैं कि इस राशि से वे राशन, बच्चों की फीस, दवाइयों या घर की मरम्मत जैसे जरूरी काम कर पाती हैं. यह सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि सरकार से मिला भरोसे का समर्थन है.
दो वर्षों में बदला लाखों महिलाओं का जीवन
पिछले दो वर्षों में लाडली बहना योजना ने लाखों परिवारों को आर्थिक स्थिरता दी है.
- महिलाएं बताती हैं कि इस योजना ने उन्हें अपना बजट संभालना सिखाया है.
- कई महिलाएं अब छोटे व्यवसाय या घरेलू उत्पाद निर्माण में पैसा निवेश कर रही हैं.
- इस योजना ने उन्हें समाज में मजबूती और आत्मनिर्भर पहचान दिलाई है.
सरकारी दावा: यह योजना बना रही है नया सामाजिक मॉडल
राज्य सरकार का दावा है कि लाडली बहना योजना ने मध्य प्रदेश में महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
- योजना के कारण महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल हुई है.
- महिलाएं अब परिवार के निर्णयों में सक्रिय भागीदारी कर रही हैं.
- सरकार की योजना है कि आने वाले समय में इस राशि को और बढ़ाया जाए ताकि महिलाओं की जीवन गुणवत्ता में और सुधार लाया जा सके.
छोटी किस्त, लेकिन बड़ा असर
भले ही ₹1500 की राशि मामूली लगे, लेकिन यह कई महिलाओं के लिए जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली साबित हो रही है. यह पैसा स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता और सामाजिक पहचान का प्रतीक बन चुका है.






