PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (PMAY‑Urban) के तहत राशि प्राप्त करने के बावजूद मकान निर्माण नहीं करने वाले लाभुकों के खिलाफ अब प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है. नगर परिषद (नप) प्रशासन द्वारा ऐसे लाभुकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिससे योजना के नियमों का उल्लंघन करने वालों में हड़कंप मच गया है.
10 लाभुकों को किया गया चिन्हित
नप प्रशासन ने जांच के दौरान ऐसे 10 लाभुकों की पहचान की है, जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि का उठाव तो कर लिया, लेकिन निर्धारित समय सीमा में मकान निर्माण शुरू नहीं किया. इन सभी के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज करने के लिए म्युनिसिपल सिविल इंजीनियर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
बार‑बार नोटिस के बाद भी नहीं शुरू हुआ निर्माण
नप के कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार झा ने बताया कि योजना के नियमों के अनुसार, लाभुकों को तीन बार नोटिस जारी किए गए थे और उन्हें कई बार समय भी दिया गया, ताकि वे मकान निर्माण शुरू कर सकें. इसके बावजूद 10 लाभुकों द्वारा न तो निर्माण कार्य शुरू किया गया और न ही कोई संतोषजनक जवाब दिया गया, जिसके बाद प्रशासन को कानूनी कार्रवाई का निर्णय लेना पड़ा.
ब्याज सहित वापस करनी होगी पूरी राशि
राजेश कुमार झा ने स्पष्ट किया कि सर्टिफिकेट केस के दायरे में आने वाले सभी लाभुकों को योजना के तहत प्राप्त पूरी राशि सरकारी नियमों के अनुसार ब्याज सहित वापस करनी होगी. यदि तय समय के भीतर राशि जमा नहीं की जाती है, तो नियमों के अनुसार सजा का भी प्रावधान है. यानी मामला सिर्फ पैसे वापसी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कानूनी दंड भी हो सकता है.
PMAY 1.0 के तहत मिला था लाभ
- नगर प्रबंधक मोहित कुमार ने बताया कि जिन लाभुकों पर कार्रवाई की जा रही है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0 के तहत लाभ दिया गया था.
- योजना में स्पष्ट प्रावधान है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर मकान निर्माण पूरा करना अनिवार्य है. लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद इन लाभुकों द्वारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, जो सीधे‑सीधे नियमों का उल्लंघन है.
इन लाभुकों पर होगा सर्टिफिकेट केस
- म्युनिसिपल सिविल इंजीनियर बबलू कुमार बादल ने बताया कि जिन लाभुकों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज किया जाएगा, उनमें प्रमुख रूप से—
- युगल किशोर पासवान, नवीनचंद्र मिश्र, जगन्नाथ अवस्थी, नीतू देवी, रिंकू देवी, गुड़िया देवी, सरोज देवी, सविता देवी, फुला देवी, रिंकी देवी सहित अन्य शामिल हैं.
- इन सभी के मामलों में कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
निर्माण स्थलों का किया गया निरीक्षण
बुधवार को नगर प्रबंधक मोहित कुमार और सिविल इंजीनियर बबलू कुमार बादल ने चिह्नित लाभुकों के निर्माण स्थलों का भौतिक निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई जगहों पर निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हुआ, जबकि राशि पहले ही जारी की जा चुकी थी.
मौके पर दी गई सर्टिफिकेट केस की जानकारी
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने लाभुकों को सर्टिफिकेट केस की जानकारी दी और साफ तौर पर बताया कि अब मामला प्रशासनिक स्तर से आगे बढ़कर कानूनी प्रक्रिया में प्रवेश कर चुका है.
लाभुकों को यह भी बताया गया कि अगर राशि और ब्याज समय पर जमा नहीं किया गया, तो आगे की कार्रवाई और कठोर हो सकती है.
PM आवास योजना 2.0 के लाभुकों को भी चेतावनी
- प्रशासन ने केवल पुराने मामलों तक ही खुद को सीमित नहीं रखा है.
- प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत लाभ प्राप्त करने वाले लाभुकों को भी स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि—
- यदि वे समय पर मकान निर्माण शुरू नहीं करते, तो उनके खिलाफ भी इसी तरह की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
योजना का उद्देश्य और प्रशासन की सख्ती
प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी गरीबों को पक्का और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है.
लेकिन जब कुछ लोग सरकारी पैसे का दुरुपयोग करते हैं, तो इससे
- वास्तविक जरूरतमंद लाभुकों का हक प्रभावित होता है
- और योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं
इसी कारण प्रशासन अब कोई ढील देने के मूड में नहीं है
लाभुकों के लिए अहम संदेश
प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि—
- राशि लेने के बाद मकान निर्माण अनिवार्य है
- समय सीमा का पालन करना जरूरी है
- नोटिस को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है
लाभुकों को सलाह दी गई है कि वे तुरंत निर्माण कार्य शुरू करें या नियमानुसार राशि वापस जमा करें, ताकि आगे की कानूनी परेशानी से बचा जा सके.
आगे और मामलों में हो सकती है कार्रवाई
अधिकारियों के अनुसार, जांच की प्रक्रिया अभी जारी है और आने वाले दिनों में
अन्य संदिग्ध मामलों में भी कार्रवाई की जा सकती है.
इससे स्पष्ट है कि पीएम आवास योजना में लापरवाही करने वालों के लिए आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है






