School Winter Holidays: उत्तर भारत में ठंड की एंट्री हो चुकी है और मौसम विभाग की मानें तो इस बार सर्दी का असर पहले से ज्यादा देखने को मिलेगा. वैज्ञानिकों के अनुसार 2025 के अंत से लेकर 2026 की शुरुआत तक ‘ला नीना’ का असर अधिक रहने की संभावना है. इसका असर उत्तर प्रदेश, दिल्ली-NCR सहित अन्य उत्तरी राज्यों में दिखाई देगा. दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक कड़ाके की ठंड पड़ने की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी है
नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों पर सीधा असर
मौसम में होने वाले इस बदलाव का स्कूलों की छुट्टियों (Winter Vacation) पर सीधा असर देखने को मिलेगा. नोएडा और गाजियाबाद जैसे इलाकों में हर साल की तरह इस बार भी ठंड के बढ़ने पर स्कूल बंद किए जाएंगे. पिछले वर्षों के पैटर्न को देखते हुए माना जा रहा है कि: 31 दिसंबर 2025** से ही शीतकालीन अवकाश शुरू हो सकता है. * हालांकि शिक्षा विभाग और जिलाधिकारी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया गया है.
पिछले साल कितनी हुई थीं छुट्टियां?
अगर पिछले वर्ष के डेटा पर नजर डालें तो स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों की घोषणा ठंड के बढ़ते स्तर को देखकर की गई थी.
2024 में:
- दिल्ली-एनसीआर के स्कूल 1 जनवरी से 15 जनवरी तक बंद रहे थे.
- नोएडा और गाजियाबाद में स्कूल 31 दिसंबर को बंद कर दिए गए थे.
- 15 जनवरी से स्कूल दोबारा खुले थे.
इसके अलावा, कुछ जिलों में शीतकालीन अवकाश को 18 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था — विशेषकर उन जिलों में जहां ठंड का स्तर ज्यादा था.
पिछले 4 सालों में विंटर वेकेशन का पैटर्न
| वर्ष | अवकाश प्रारंभ | अवकाश समाप्ति | कुल दिन |
|---|---|---|---|
| 2024 | 31 दिसंबर | 15 जनवरी | 15 दिन |
| 2023 | 31 दिसंबर | 14 जनवरी | 14 दिन |
| 2022 | 31 दिसंबर | 14 जनवरी | 14 दिन |
| 2021 | 31 दिसंबर | 14 जनवरी | 14 दिन |
हर वर्ष 31 दिसंबर के आसपास ही विंटर वेकेशन की शुरुआत होती रही है, और इसी पैटर्न के दोहराए जाने की संभावना इस बार भी है
क्या इस बार जल्दी घोषित होगा शीतकालीन अवकाश?
ला नीना के असर के चलते इस बार सर्द हवाएं पहले से तेज हो सकती हैं और तापमान में ज्यादा गिरावट हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि दिसंबर के पहले या मध्य सप्ताह में ठंड तेज होती है, तो:
- 25 दिसंबर 2025 से भी स्कूल बंद किए जा सकते हैं.
- छुट्टियों की अवधि भी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हो सकती है.
हालांकि, शीतकालीन अवकाश की अंतिम घोषणा संबंधित जिलों के डीएम (जिलाधिकारी) की ओर से की जाती है
डीएम के आदेश पर निर्भर करेगा स्कूलों का शेड्यूल
हर जिले के लिए अलग-अलग तापमान, कोहरा और ठंड के स्तर को देखते हुए निर्णय लिया जाता है.
जिलाधिकारी अपने क्षेत्र में:
- तापमान की गिरावट
- स्वास्थ्य सुरक्षा
- बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए
स्कूल बंद करने या छुट्टियां बढ़ाने का आदेश जारी करते हैं.
इसलिए हो सकता है कि कुछ जिलों में अवकाश जल्दी शुरू हो जाए और कुछ में थोड़ा बाद में
मौसम वैज्ञानिकों की राय क्या कहती है?
मौसम विभाग के अनुसार ‘ला नीना’ का असर भारत में सर्दियों को ज्यादा ठंडा बना सकता है.
ला नीना की स्थिति में:
- हिमालय क्षेत्र से चलने वाली सर्द हवाएं और मजबूत हो जाती हैं.
- कोहरे की स्थिति भी ज्यादा बनती है.
- जिससे स्कूलों की उपस्थिति और बच्चों की सेहत पर असर पड़ता है.
इसलिए मौसम विभाग के अलर्ट के आधार पर भी छुट्टियों का निर्णय लिया जाता है.
क्या प्राइवेट स्कूलों में भी रहेगा वही कैलेंडर?
अधिकतर निजी स्कूल CBSE या ICSE से संबद्ध होते हैं, और ये जिला प्रशासन के आदेश का पालन करते हैं. हालांकि कुछ निजी स्कूल ऑनलाइन क्लासेस या ऑफलाइन-अनिवार्य नहीं जैसी वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं लेकिन यदि जिलाधिकारी अवकाश घोषित करता है तो:
- सभी सरकारी और निजी स्कूलों को उसका पालन करना अनिवार्य होता है.
- छात्रों और शिक्षकों दोनों को अवकाश का लाभ दिया जाता है
छात्रों और अभिभावकों को क्या करना चाहिए?
- चूंकि अब तक कोई आधिकारिक शीतकालीन अवकाश कैलेंडर जारी नहीं हुआ है, इसलिए: यदि ठंड तेज हो जाती है, तो जिलाधिकारी द्वारा जल्दी आदेश जारी किए जाते हैं — जिन्हें स्कूल तुरंत लागू करते हैं.
- अभिभावकों को स्कूल की वेबसाइट, व्हाट्सएप ग्रुप या स्कूल नोटिस पर नजर रखनी चाहिए.
- बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जरूरत पड़ने पर स्कूल से छुट्टी की अनुमति ली जा सकती है.






