School Holiday: जबलपुर में इस बार क्रिसमस छुट्टियों से जुड़ी ख़बरों ने हज़ारों छात्रों और अभिभावकों को चौंका दिया है. हर साल दिसंबर के अंत में बच्चों को लंबी छुट्टियाँ मिलती थीं जिससे वे घूमने-फिरने, रिश्तेदारों से मिलने या आराम करने का प्लान बनाते थे. लेकिन इस बार स्कूलों की कम की गई है.
इस बार सिर्फ़ दो दिन की छुट्टी, लंबा ब्रेक नहीं
अबकी बार क्रिसमस की छुट्टियाँ केवल दो दिन की होंगी. जिन छात्रों को हर साल 23 दिसंबर से नए साल तक की लंबी छुट्टियों का इंतज़ार रहता था, उन्हें इस बार केवल 25 दिसंबर और एक अतिरिक्त दिन की छुट्टी मिलेगी. कई मिशनरी और CBSE स्कूलों ने इस संबंध में ऑफिशियल नोटिस जारी कर दिया है, जिससे अभिभावकों और बच्चों दोनों में नाराज़गी और निराशा देखने को मिल रही है.
शिक्षा विभाग का सख्त आदेश
इस बदलाव के पीछे मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि अब सभी CBSE स्कूल राज्य सरकार की अवकाश सूची का ही पालन करेंगे. यानी अब क्रिसमस पर केवल सरकारी अवकाश रहेगा और शीतकालीन छुट्टियाँ अलग से तय होंगी. इसका सीधा असर शहर के लगभग 70 CBSE स्कूलों पर पड़ा है, जिन्होंने अपना पूरा अवकाश शेड्यूल बदल दिया है
पहले क्या था शेड्यूल, अब क्या बदला गया?
जबलपुर के मिशनरी और CBSE स्कूलों में हर साल 23 दिसंबर से नए साल तक की छुट्टियाँ होती थीं. यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही थी, लेकिन इस बार इसे पूरी तरह बदल दिया गया है. शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि अब क्रिसमस पर केवल निर्धारित दो दिन की छुट्टी रहेगी और शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक ही सीमित रहेगा.
सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टियों का अंतर
सरकारी स्कूलों में 25 दिसंबर को केवल एक दिन की छुट्टी दी गई है. इसके बाद सभी कक्षाएं नियमित रूप से चलेंगी. वहीं, निजी और मिशनरी स्कूलों को भी अब सरकारी निर्देशों का पालन करना होगा. कई स्कूलों ने नोटिस जारी कर बताया है कि यह बदलाव शिक्षा विभाग की गाइडलाइन्स के अनुसार किया गया है.
छात्रों में निराशा, पेरेंट्स भी असमंजस में
छुट्टियों में इस बदलाव को लेकर छात्रों में गहरी निराशा है. उनका कहना है कि सालभर की पढ़ाई के बाद मिलने वाला यह ब्रेक मन और शरीर दोनों को तरोताज़ा करने का मौका होता है. वहीं, कई अभिभावकों ने पहले से घूमने-फिरने या यात्रा की योजना बना ली थी, जिन्हें अब अपने प्लान रद्द या छोटा करना पड़ेगा.
छुट्टियों में कटौती पर मिला मिला-जुला रिएक्शन
जहां कुछ पेरेंट्स का मानना है कि छुट्टियाँ कम होने से पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा, वहीं कुछ सवाल उठा रहे हैं कि जब यह व्यवस्था सालों से चली आ रही थी, तो अब इसे बदलने की ज़रूरत क्यों पड़ी? खासकर तब जब छुट्टियाँ बच्चों की मानसिक और भावनात्मक विकास में भी योगदान देती हैं.
क्या यह बदलाव स्थायी रहेगा?
इस बात को लेकर भी असमंजस है कि क्या यह बदलाव स्थायी रूप से लागू रहेगा या सिर्फ़ इस साल के लिए है. फिलहाल शिक्षा विभाग ने कोई अतिरिक्त स्पष्टीकरण नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह आदेश आगामी वर्षों के लिए भी दिशा-निर्देशक हो सकता है.
शीतकालीन अवकाश की जानकारी
शीतकालीन अवकाश इस बार 31 दिसंबर से शुरू होकर 4 जनवरी तक रहेगा. यानी कुल मिलाकर 5 दिन का ब्रेक छात्रों को मिलेगा. पहले इस ब्रेक को क्रिसमस की छुट्टियों के साथ जोड़कर देखा जाता था, लेकिन अब इसे अलग रखा गया है.
छुट्टियों की नई व्यवस्था से प्रभावित होंगे त्योहार और पारिवारिक आयोजन
यह नया शेड्यूल न सिर्फ़ छात्रों और अभिभावकों के लिए परेशानी बन गया है, बल्कि इससे पारिवारिक आयोजनों और त्योहारों की प्लानिंग भी प्रभावित हो सकती है. क्रिसमस एक ऐसा मौका होता है जब बहुत से परिवार अपने बच्चों के साथ ट्रिप पर जाते हैं या रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं, लेकिन अब उन्हें केवल दो दिन में ही सब कुछ समेटना होगा.






